मृत्यु तो भगवान का आमंत्रण है, जब वह आए तो द्वार खोलकर उसका स्वागत करो और, चरणों में ह्रदयधन सौंपकर अभिवादन करो। Rabindranath Tagore
अनुभव, अनमोल कसौटी है। Rabindranath Tagore
मनुष्य जिस समय पशु के समान, आचरण करता है उसी समय वह, पशुओं से भी नीचे गिर जाता है। Rabindranath Tagore
जो मन के कष्ट को स्पष्ट, रूप से नहीं कह सकता गुस्सा, उसी को ही आता है। Rabindranath Tagore
ब्रह्म के स्वरूप का प्यार जिन्होंने, पा लिया है उन्हें फिर किसी काल, में भी डर नहीं लगता। Rabindranath Tagore
अधिकार की अपनी सीमा होती है, उस सीमा की रक्षा के लिए, अधिकार प्रयोग संयत रखना चाहिए। Rabindranath Tagore
धुआँ आकाश से शेखी बघारता है, और राख धरती से कि वह, अग्नि वंश के है। Rabindranath Tagore
हर बच्चा इस संदेश को लेकर आता है, कि भगवान अभी इंसान से, निराश नहीं हुआ है। Rabindranath Tagore
किसी चीज पर अधिकार दिखाने से ही, उस पर अधिकार सिद्ध नहीं हो जाता | Rabindranath Tagore
कलाकार कुदरत का प्रेमी है, इसलिए वह उसका नौकर भी है, और स्वामी भी है। Rabindranath Tagore
तितली महीने नहीं, क्षण गिनती है, और उसके पास, पर्याप्त समय होता है | Rabindranath Tagore
जब मैं खुद पर हँसता हूँ, तो मेरे ऊपर से मेरा, बोझ कम हो जाता है | Rabindranath Tagore
संगीत दो, आत्माओं के, बीच के अनंत, को भरता है | Rabindranath Tagore
प्रेम अधिकार का, दावा नहीं करता, बल्कि स्वतंत्रता, देता है | Rabindranath Tagore
कला में व्यक्ति खुद, को उजागर करता है, कलाकृति को नहीं | Rabindranath Tagore
यदि आप सभी, गलतियों के लिए, दरवाजे बंद कर देंगे, तो सच बाहर रह, जायेगा | Rabindranath Tagore
आस्था वो पक्षी है, जो सुबह अँधेरा, होने पर भी उजाले, को महसूस करती है | Rabindranath Tagore
हर एक कठिनाई, जिससे आप मुंह, मोड़ लेते हैं, एक भूत बन कर, आपकी नीद में, बाधा डालेगी | Rabindranath Tagore
जो कुछ हमारा है, वो हम तक आता है, यदि हम उसे ग्रहण, करने की क्षमता, रखते हैं | Rabindranath Tagore
हर बच्चा इसी सन्देश, के साथ आता है, कि भगवान अभी, तक मनुष्यों से, हतोत्साहित नहीं हुआ है | Rabindranath Tagore
मिटटी के बंधन से, मुक्ति पेड़ के लिए, आज़ादी नहीं है | Rabindranath Tagore
किसी बच्चे की शिक्षा अपने, ज्ञान तक सीमित मत रखिये, क्योंकि वह किसी, और, समय में पैदा हुआ है | Rabindranath Tagore
मित्रता की गहराई, परिचय की लम्बाई पर, निर्भर नहीं करती | Rabindranath Tagore
मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है, ये सिर्फ दीपक को बुझाना है, क्योंकि सुबह हो गयी है | Rabindranath Tagore
पंखुडियां तोड़ कर, आप फूल की, खूबसूरती नहीं, इकठ्ठा करते | Rabindranath Tagore